Amravati: जिले में कुछ संगठन बांट रहे हथियार, यशोमति ठाकुर ने राज्य में कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

अमरावती: जिले में कुछ संगठनों द्वारा त्रिशूल वितरित किए जा रहे हैं। लेकिन, यह कोई त्रिशूल नहीं बल्कि एक गुप्त हथियार है। इन सभी चीजों को तुरंत रोका जाना चाहिए, अन्यथा भविष्य में हिंसक घटनाएं होने का खतरा है। कांग्रेस की पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून व्यवस्था खतरे में है।
पत्रकारों से बात करते हुए यशोमति ठाकुर ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि कुछ संगठनों द्वारा त्रिशूल बांटे जा रहे हैं।" हमने इस संबंध में अभी तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस को तुरंत इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। एक ओर भाजपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि बांग्लादेशी राज्य में घुस आए हैं। राज्य में भाजपा की सरकार है। यशोमति ठाकुर ने पूछा कि जब राज्य में कानून-व्यवस्था सख्त है तो बांग्लादेशी घुसपैठिये कैसे घुस सकते हैं।
यशोमति ठाकुर ने कहा कि त्रिशूल के नाम पर गुप्त हथियार बांटे जाने पर पुलिस को चुप नहीं रहना चाहिए। पुलिस को पता लगाना चाहिए कि ये हथियार कहां बांटे गए। यदि अमरावती जिले और राज्य में यह हिंसक रूप ले लेता है तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसका जवाब देना होगा। महागठबंधन में शामिल दल लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची को इसलिए खारिज करते हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान तैयार की गई सूची में लाखों फर्जी नाम होते हैं। हमने इस संबंध में बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक याचिका दायर की है। यह सब काम लोकतंत्र की हत्या के लिए किया जा रहा है। यशोमति ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि हमें न्याय अवश्य मिलेगा।
डॉ. अनिल बोंडे का जवाब
इस बीच, भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने यशोमति ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है। डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यशोमति ठाकुर की आंखों पर भी गांधारी की तरह पट्टी बंधी है। क्या उन्हें मुसलमानों के घरों में सत्तूर और कोयते नहीं दिखते? यदि किसी को धार्मिक अनुष्ठान के रूप में त्रिशूल देने का मन हो तो उन्हें सचमुच ऐसा करना चाहिए। हिंदू घरों में सांपों को मारने के लिए कोई साधारण छड़ी नहीं होती। इसलिए डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि आत्मरक्षा के लिए घर में त्रिशूल रखना जरूरी है।

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