मंत्रिमंडल में शामिल होने मुझे आया फ़ोन; बच्चू कडु बोले- पद तो आते जाते रहते हैं, विश्वास गया तो नहीं आता
अमरावती: मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार के समर्थक विधायकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। सबसे ज्यादा उठापटक शिंदे गुट और उनके समर्थक विधायकों में देखी जा रही है। हालांकि, आने वाले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार होने की बात कही जारही है। इसी बीच प्रहार प्रमुख बच्चू कडु ने बड़ा बयान दिया है। अमरावती में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, “मुझे मंत्री मंडल में शामिल होने के लिए फ़ोन आया है। लेकिन इसमें शामिल होना है कि, नहीं यह अभी तय नहीं हुआ है।” उन्होंने आगे कहा, “पद तो आते जाते रहते हैं, लेकिन इस बाद भरोसा गया वह वापस नहीं आता।”
ज्ञात हो कि, कडु ने कल पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री पद छोड़ने की बात कही थी। इसी के साथ यह भी कहा था कि, आज वह यह सार्वजनिक करेंगे की वह सरक़ार में शामिल होंगे की नहीं। हालांकि, कडु ने यह निर्णय बदल दिया है। उन्होंने कहा कि, पहले वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे इसके बाद उसपर निर्णय लेंगे।"
कडु ने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हमें विकलांग व्यक्तियों का मंत्रालय दिया है इसलिए हम जीवन भर उनके गुलाम रहेंगे। मैं मंत्री पद छोड़ने का फैसला करने वाला था लेकिन मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद मैं अपना फैसला लूंगा. मैं 17 तारीख को मुख्यमंत्री से मिलूंगा और फिर 18 को अपना फैसला सुनाऊंगा।”
अजित दादा या देवेन्द्र फड़णवीस से कोई लेन-देन नहीं
प्रहार प्रमुख ने कहा, “मुख्यमंत्री के अनुरोध पर मैं फिलहाल फैसला वापस ले रहा हूं। काम, पद ये तो आते रहेंगे. लेकिन अगर विश्वास चला जाए तो वह कभी वापस नहीं आता। हम आम लोगों के लिए लड़ सकते हैं, मर सकते हैं लेकिन चापलूसी नहीं कर सकते। किसी पद पर रहने के बजाय एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करने की इच्छा है। जब मुख्यमंत्री मुसीबत में होंगे तो मैंने उनकी मदद करने का फैसला किया है।” इसी के साथ कडु ने यह भी कहा कि, उन्हें अजित दादा या देवेन्द्र फड़णवीस से कोई लेन-देन नहीं है।"
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