बांग्लादेशी रोहिंग्या फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामला; अमरावती में 6, अकोला में 11 लोगों पर कार्रवाई

अमरावती: अमरावती शहर में बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को फर्जी जाति प्रमाण पत्र देने का मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेज जमा करने के आरोप में अमरावती के गाडगेनगर पुलिस स्टेशन में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जन्म प्रमाण पत्र के लिए गलत दस्तावेज देकर प्रशासन को धोखा देने के मामले में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले अमरावती के अंजनगांव सुर्जी पुलिस स्टेशन में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 6 लोगों के खिलाफ कार्रवाई होने से अमरावती जिले में आरोपियों की संख्या 14 हो गई है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आज अमरावती तहसील कार्यालय का दौरा किया और उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार से इस विषय में चर्चा की।
अकोला में 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज उधर, अकोला में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में 11 और लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जांच में पता चला है कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए फर्जी दस्तावेज दिए गए थे। अकोला के रामदासपेठ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले 3 फरवरी को फर्जी दस्तावेज मामले में 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद नई कार्रवाई के तहत अकोला पुलिस में अब तक कुल 24 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल संदेह जताया जा रहा है कि अकोला जिले में करीब 80 बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर नागरिकता हासिल कर ली है।
किरीट सोमैया ने कहा कि बांग्लादेशी रोहिंग्या आबादी धीरे-धीरे बढ़ रही है। अब मेरा फोकस अमरावती शहर पर है। यहां 5 हजार लोग ऐसे हैं जो यहां के नहीं हो सकते। उन्होंने 50-70 साल पुराने सबूत दिए वो अब तक क्या कर रहे थे। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मैंने फॉरेंसिक ऑडिट की मांग की है। डेढ़ माह के अभियान में 7 एफआईआर दर्ज की गईं। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने जानकारी दी कि कुछ ही दिनों में उन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाएगा, जिनका जन्म प्रमाण पत्र सरकार द्वारा जारी किया गया है। इसलिए अगले चरण में जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है वे बताएंगे कि उनका जन्म कहां हुआ था।

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