रवि राणा को मंत्री पद नहीं मिलने से कार्यकर्ता नाराज, राणा बोले - नहीं दिखूंगा विधानभवन के आसपास

अमरावती: रविवार को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. इस मौके पर बीजेपी से 19, शिवसेना से 11 और एनसीपी से 9 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली. मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय और मंडलीय संतुलन साधने की कोशिश की है. लेकिन, इसके साथ ही महायुति में नाराजगी का नाटक भी शुरू हो गया है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं, अमरावती जिले में मुख्यमंत्री के करीबी विधायक भी मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं.
अमरावती जिले की बडनेरा सीट से विधायक रवि राणा मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं. राणा को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस का करीबी माना जाता है. राणा की राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन है. वह इस साल बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इस साल संभावित मंत्री के तौर पर राणा का नाम सबसे आगे था. लेकिन, इस उन्हें एक बार फिर निराशा झेलनी पड़ी.
राणा मंत्री पद छूटने से नाराज हैं. वह रविवार को नागपुर छोड़कर अमरावती स्थित अपने आवास पर लौट आये. साथ ही अनौपचारिक चर्चा के दौरान राणा ने बताया कि वे सम्मेलन की पूरी अवधि के दौरान नागपुर नहीं जायेंगे.
रवि राणा को मंत्री पद नहीं मिलने से उनके समर्थक और कार्यकर्ता भी नाराज हैं. राणा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि राणा को मंत्री पद मिलना चाहिए, लेकिन अगर नहीं मिला तो अमरावती जिले का विकास रुक जायेगा. आज रवि राणा अमरावती स्थित अपने आवास पर हैं और दिन भर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.

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