Yavatmal: कलेक्टर ने गाद मुक्त बांध जागरूकता रैली को दिखाई हरी झंडी, जिले में 15 दिनों तक 200 गांवों में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

यवतमाल: मृदा एवं जल संरक्षण विभाग दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। गाद मुक्त बांध यानी सिल्ट या मिट्टी और गाद भरे तटबंध, साथ ही नहरों का गहरीकरण और चौड़ीकरण। इस योजना के जागरूकता अभियान का शुभारंभ कलेक्टर विकास मीना ने हरी झंडी दिखाकर किया।
तालाबों में जमा तलछट को निकालकर खेतों में फैलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। इस गाद को किसानों को उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने गाद मुक्त बांध और गाद भरे खेत योजना शुरू की है। इसके साथ ही नाले को गहरा और चौड़ा करने की योजना भी क्रियान्वित की जा रही है। दोनों योजनाएं अब स्थायी रूप से क्रियान्वित की जा रही हैं।
सरकार गाद मुक्त बांध योजना के माध्यम से गाद हटाने के लिए मशीनरी और ईंधन का भुगतान करती है। छोटे और सीमांत किसानों, विधवाओं, विकलांग किसानों और आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को झील से निकाली गई उपजाऊ गाद को अपने खेतों में लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। सीमांत, छोटे भूमिधारक और एक हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे किसान सब्सिडी के लिए पात्र हैं। विधवा और विकलांग किसानों के साथ-साथ आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार भी इसके लिए पात्र हैं, भले ही उनके पास अधिक भूमि हो।
जिले में इन दोनों योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक विशेष झांकी निकाली गई है। लगातार 15 दिनों तक इस रथ का उपयोग जिले के लगभग 200 गांवों में योजना के महत्व को समझाने तथा मृदा एवं जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

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