किसान पुत्री का कमाल, बिना ट्यूशन लिए नीट परीक्षा की पास
यवतमाल: कहते हैं न जहां चाह होती है वहीं राह होती है। व्यक्ति अपनी मेहनत के दम पर जो चाहे वह पा सकता है। इसी का एक उदाहरण फिर से यवतमाल के दिग्रस से सामने आया है, जहां एक किसान पुत्री ने बिना ट्यूशन केवल घर पर पढाई कर के मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' एग्जाम पास कर ली है। छात्र को 610 अंक मिले हैं। छात्रा ने राष्ट्रीय श्रेणी में 16474 और ओबीसी वर्ग में 6835 वें स्थान पर हैं।
पिता खेती के साथ करते हैं पेंटिंग का काम
अवंतिका के पिता खेती के अलावा हाउस पेंटिंग भी करते हैं। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनकी दो बेटियां हैं और अवंतिका छोटी बेटी हैं। वह सोयजाना (मनोरा जिला वाशिम) की मूल निवासी हैं और उन्होंने दिग्रस के दिनबाई विद्यालय से 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की, जबकि दिग्रस के मोहना बाई स्कूल से 10वीं तक की शिक्षा पूरी की। अवंतिका का परिवार उनकी शिक्षा के लिए दिग्रस में किराए के मकान में रहता था।
बेटी अब डॉक्टर बनेगी
छात्रा की मां मीनाक्षी और पिता ललित ने कहा कि उनके माता-पिता ने उनकी सफलता में एक प्रमुख भूमिका निभाई है और उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी डॉक्टर बनेगी। अवंतिका की सफलता ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और होनहार बच्चों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है। इस बड़ी सफलता के लिए अवंतिका की हर तरफ तारीफ हो रही है।
शहर-शहर में खुले निजी ट्यूशन क्लास
छात्र NEET और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए निजी ट्यूशन कक्षाएं पसंद करते हैं। छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी महसूस किया है कि वे बिना ट्यूशन के परीक्षा में सफल नहीं हो सकते। इसलिए नांदेड़, अकोला, नागपुर, लातूर आदि शहरों में नीट की 'एजुकेशन फैक्ट्रियां' बनाई गई हैं। जहां आज की शिक्षा में निजी ट्यूशन कक्षाएं एक आवश्यकता बन गई हैं, वहीं अवंतिका जैसे छात्र सामान्य परिवारों के छात्रों के लिए आशा की किरण बन रहे हैं जो इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं। उसकी सफलता इस बात को रेखांकित करती है कि कक्षा के बिना भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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