Yavatmal: मिट्टी की मूर्तियों के कीमतें ज्यादा, बाजार में पीओपी की मूर्तियों की अधिक बिक्री
यवतमाल: लक्ष्मी पूजा के दिन हर घर में लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा की जाती है. इसी तरह यवतमाल शहर में मिट्टी की मूर्तियां कम और पीओपी की मूर्तियां ज्यादा हैं. व्यापारियों का कहना है कि मिट्टी की मूर्तियों की कीमतें अधिक हैं और व्यापारी उन्हें खरीद नहीं सकते, इसलिए पीओपी की मूर्तियां बाजार में आ रही हैं.
यह हिंदू समाज का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. इसी तरह यवतमाल शहर के बाजार में भी बड़ी संख्या में लक्ष्मी की मूर्तियां बिक्री के लिए आ गई हैं.
व्यापारियों का कहना है कि मिट्टी की मूर्ति बनाने में काफी लागत आती है और ग्राहक भी मिट्टी की मूर्ति खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं. इसलिए यवतमाल शहर में 80 से 90 फीसदी तक पीओपी से बनी लक्ष्मी मूर्तियां बाजार में आई हैं. उपभोक्ता पीओपी की मूर्तियों को भी पसंद कर रहे हैं क्योंकि वे मिट्टी की तुलना में अधिक आकर्षक लगती हैं.
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