Yavatmal: हड़ताल पर सरकारी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग

यवतमाल: वसंतराव नाइक सरकारी कॉलेज और अस्पताल में मरीज के परिजनों के साथ आने वाले सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रेजिडेंट डॉक्टरों को धमका रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से यही चल रहा है. इसके विरोध में अस्पताल परिसर में सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर रोक लगाकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर एमएआरडी संगठन के नेतृत्व में रेजिडेंट डॉक्टरों ने आज यानि मंगलवार से हड़ताल शुरू कर दी है. इससे मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई है.
पिछले कुछ वर्षों में घटी घटनाओं के कारण वसंतराव नाइक सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चर्चा में आ गया है. इसी तरह आठ दिन पहले मेडिकल कॉलेज की गहन चिकित्सा इकाई में कार्यरत रेजिडेंट महिला डॉ. स्मिता वाघ से इलाज के दौरान कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की बहस हो गई थी. इस बहस का एक वीडियो भी वायरल हुआ. इस संबंध में रेजिडेंट डॉक्टर ने अधिकारियों से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
फिर रविवार 4 अगस्त को रात करीब 12 बजे ऐसी ही घटना दोहराई गई. इसी समय एक मरीज़ अपने रिश्तेदार को लेकर आया, स्थानीय डॉक्टर ने उसे अन्तःरोगी के रूप में भर्ती कर लिया. मरीज के इलाज के दौरान मरीज के परिजनों द्वारा क्या उपचार किया गया है? इस बारे में लिखित जानकारी मांगने पर उन्होंने डॉक्टर से बहस की. इससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया.
सरकारी अस्पतालों में लगातार इस तरह की घटना हो रही है. इससे रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है और मंगलवार को एमएआरडी संगठन के नेतृत्व में रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है.
डॉक्टरों से झगड़ा करने वालों पर मुकदमा दर्ज किए जाने, जिले के सरकारी अस्पताल में राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाने, अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति की जाने को लेकर अन्य मांगें भी की गई हैं. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डॉ. चव्हाण को ज्ञापन दिया गया. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई है.

admin
News Admin