logo_banner
Breaking
  • ⁕ नक्सल आंदोलन को सबसे बड़ा झटका, पोलित ब्यूरो सदस्य भूपति ने 60 साथियों के साथ किया सरेंडर; 10 करोड़ से ज़्यादा का था इनाम, 16 को CM के सामने डालेंगे हथियार ⁕
  • ⁕ नागपुर पुलिस का 'मिशन नाइट वॉच' कामयाब, कम होने लगी घरफोडी की घटनाएं ⁕
  • ⁕ Bhandara: नागजीरा-नवेगांव टाइगर रिजर्व कार्यालय के बाहर वन मजदूरों का विरोध प्रदर्शन, विभिन्न लंबित मांगों की ओर ध्यान आकर्षित ⁕
  • ⁕ मनपा की तर्ज पर जिला परिषद् और पंचायत में हो स्वीकृत सदस्य, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मुख्यमंत्री से अधिनियम में बदलाव की मांग ⁕
  • ⁕ Amravati: बडनेरा रेलवे स्टेशन पर 2.11 करोड़ रूपये के आभूषण चोरी से सनसनी ⁕
  • ⁕ नागपुर में भाजपा नेताओं ने 'एकला चलो रे' की मांग, मुख्यमंत्री ने कहा- मनमुटाव भूलो और एकजुट होकर लड़ो चुनाव ⁕
  • ⁕ एसटी कर्मियों को दिवाली भेंट: 6,000 बोनस और 12,500 अग्रिम, वेतन बकाया हेतु सरकार 65 करोड़ मासिक फंड देगी ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Yavatmal

यवतमाल में तीन दिनों से मुक्त संचार कर रहे बाघ, जामवाडी इलाके में फिर हुए दर्शन, नागरिकों में भय


यवतमाल: यवतमाल में बाघ मुक्त संचार करते नजर आ रहे हैं। शहर के आसपास के इलाकों में कभी अन्य जानवरों पर हमला, बाघ का खेतों घूमते नजर आना पिछले तीन चार दिनों से चल रहा है। बाघ के इस मुक्त विचरण से किसानों और नागरिकों में भय का माहौल है

अब एक बार फिर यवतमाल के जामवाड़ी इलाके एक मोटर चालक को धारीदार बाघ के दर्शन हुए हैं। चालक ने इस घटना का वीडियो फिल्माया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस धारीदार बाघ के देखे जाने से जामवाड़ी और यवतमाल इलाके में डर का माहौल फैल गया है। नागरिकों का कहना है कि वन विभाग इन गंभीर मामलों को नजरअंदाज कर रहा है। नागरिक बाघ के विचरण करने वाले बाघ के शीघ्र निपटान की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले रविवार को बारबाड़ा, जांब क्षेत्र और दारव्हा मार्ग पर दो अलग-अलग बाघ देखे गए। ये बाघ अब तक तीन जानवरों को मार चुके हैं, जिसके कारण खेतिहर मजदूरों ने कृषि कार्य से मुंह मोड़ लिया है। खेती का ख़रीफ़ सीज़न चल रहा है, लेकिन बाघों के इस मुक्त विचरण से पैदा हुए डर के चलते खाद एवं छिड़काव का कार्य बाधित हो गया है।