Yavatmal: मारेगांव में जल संकट से नागरिक बेहाल, प्रशासन पर उठे सवाल

यवतमाल: जिले के मारेगांव शहर में पानी की भीषण कमी ने नागरिकों का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। खासकर महिलाओं को पानी के लिए घंटों तक नल के पास इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन की नाकामी और खराब जल प्रबंधन के चलते पूरे शहर में पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
जानकारी के अनुसार, मारेगांव के 17 इलाकों को 12 बोरवेल और पाइपलाइन के जरिये पानी की आपूर्ति की जा रही है। महाराष्ट्र जल प्राधिकरण ने करोड़ों रुपये खर्च कर 3.5 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी का निर्माण भी करवाया है, लेकिन नगर परिषद इस टंकी का समुचित उपयोग नहीं कर रही है।फिलहाल शहर के 13 बोरवेल में से 12 कार्यरत हैं, जबकि एक बोरवेल खराब हो चुका है। गर्मी के मौसम में नगर परिषद के कर्मचारी प्रतिदिन सुबह 7 बजे नल खोलते हैं, लेकिन कुछ ही देर में पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है।
इस कारण महिलाएं दोपहर 12 बजे तक पानी के इंतजार में बैठी रहती हैं। घर का बाकी सारा कामकाज छोड़कर पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।महाराष्ट्र जल प्राधिकरण के तहत नवरगांव मध्यम परियोजना से पानी लाया जा रहा है, लेकिन पानी दूषित होने के साथ-साथ कई इलाकों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है। करोड़ों की लागत से बनी पानी की टंकी भी नागरिकों को राहत नहीं दे पा रही है।पालक मंत्री और जिला अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर बैठक कर हर गांव में टैंकर से पानी आपूर्ति की योजना बनाई गई थी, लेकिन मारेगांव में यह योजना कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रही है।
नागरिकों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को गलत जानकारियां दी जा रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है।पानी संकट से जूझ रहे नागरिकों ने अब प्रशासन से जल्द और ठोस कदम उठाने की मांग की है ताकि आने वाले समय में स्थिति और विकराल न हो।

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