Yavatmal: जून का आधा महीना बीता, लेकिन अभी तक किसानों को नहीं बंट सका कर्ज

यवतमाल: जिले में किसानों को खरीपा की बुआई से पहले फसली ऋण मिल जाए, इसके लिए अप्रैल में ही फसली ऋण वितरण शुरू कर दिया गया था। ऐसे में जबकि जिले में किसान बुआई की कगार पर हैं, ऐसा नहीं लगता कि खरीपा के लिए फसली ऋण वितरण आधा भी पहुंचा है। चूंकि अभी तक मात्र 40 प्रतिशत फसली ऋण ही वितरित हो पाया है, इसलिए हजारों किसान अभी भी खरीपा फसली ऋण से वंचित हैं।
जिला प्रशासन ने इस वर्ष खरीपा के लिए 2 लाख 19 हजार भू-धारक किसानों को 2200 करोड़ रुपए का फसली ऋण वितरित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए सभी बैंकों को लक्ष्य दिया गया था। उस समय कहा गया था कि 15 जून तक सभी किसानों को फसली ऋण उपलब्ध हो जाना चाहिए। लेकिन हकीकत में 15 जून के बाद भी अभी तक मात्र 40 प्रतिशत किसानों को ही फसली ऋण वितरित हो पाया है। इसलिए 60 प्रतिशत किसान अभी भी फसली ऋण से वंचित हैं।
बैंकों ने अब तक 85 हजार किसानों को 875 करोड़ रुपये का फसली ऋण वितरित किया है। इसलिए करीब डेढ़ लाख किसान सदस्य अभी भी फसली ऋण मिलने का इंतजार कर रहे हैं। बैंकों को फसली ऋण वितरण के संबंध में जिला स्तर पर हर आठ सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इस संबंध में हर सप्ताह समीक्षा की जा रही है, लेकिन बैंकों का कहना है कि बैंकों का बढ़ा हुआ एनपीए फसली ऋण वितरण में बाधा बन रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में बैंकों द्वारा लिए गए फसली ऋणों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालांकि, उस अनुपात में किसानों द्वारा बैंकों को ऋण की अदायगी लगातार कम होती जा रही है। इसलिए पिछले कुछ वर्षों में बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ता जा रहा है और अब 32.56 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह राशि करीब 2200 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसलिए कहा जा रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में बकाया फसली ऋणों के कारण बैंकों को नए फसली ऋण वितरित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंकों का एनपीए 32.56 प्रतिशत पर पहुंचा
ऋण अदायगी के लिए किया जाएगा जागरूक इस समस्या से निपटने और बढ़े हुए एनपीए को कम करने के लिए प्रशासन भी उनकी मदद कर रहा है। इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए तहसील स्तर पर हर तहसील कार्यालय में बैनर लगाए जाएंगे। साथ ही कहा गया है कि हर गांव में जागरूकता पैदा की जाएगी ताकि किसान नियमित रूप से ऋण वितरित करें।
जिले में किसानों को फसल ऋण वितरित करने में सबसे आगे रहने वाले जिला केंद्रीय बैंक ने इस साल भी बड़ी मात्रा में फसल ऋण वितरित किया है। इस बैंक ने अपने लक्ष्य का 61 प्रतिशत पूरा करते हुए 413 करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया है। इसके बाद ग्रामीण बैंक ने लक्ष्य का 54 प्रतिशत यानी 104 करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया है। इसलिए ऐसा लगता है कि ये दोनों बैंक ऋण वितरण में सबसे आगे हैं।

admin
News Admin