Yavatmal: नाथजोगी घुमंतू ने मांगी जनजाति की तरह सुविधा, जिलाधिकारी को सौंपा आवेदन

यवतमाल: नाथजोगी खानाबदोश जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की तरह सुविधा दी जाए जैसा विभिन्न मांगों को लेकर नाथजोगी समुदाय ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में आए नाथ जोगी समुदाय की बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। इसके बाद अपनी विविध मांगों का पत्र भी जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान सभी प्रदर्शनकारी पारंपरिक पोशाक में थे।
भीख मांगना मूल रूप से नाथजोगी जनजाति की आजीविका का पारंपरिक साधन है। समाज में धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए नाथ जोगी गांवों में जाकर भीख मांग कर, दहेज, नशाखोरी, गाँव की स्वच्छता, सामुदायिक ज्ञान, धार्मिक और सामाजिक का संदेश लेकर जाते हैं। हालांकि पिछले महीने राज्य में कुछ सामाजिक समूहों ने निर्दोष साधुओं को प्रताड़ित कर और उनकी बेरहमी से पिटाई कर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, इसलिए नाथ जोगी समुदाय की सुरक्षा के लिए यदि कोई फेरीवाला, साधु या अनजान व्यक्ति गांव में आता है तो पहले उससे पूछताछ की जाए और अगर उसे शक हो तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाए। उन्हें पीटा या मारा नहीं जाना चाहिए। ऐसा नोटिस गृह विभाग द्वारा गांव के सरपंच, पुलिस पाटिल को दिया जाना चाहिए।
ये की मांग:
- अनुसूचित जनजाति जैसे नाथ योगी खानाबदोश जनजाति को सुविधा रियायत दी जाए।
- अनुसूचित जाति दादासाहेब गायकवाड़ अधिकारिता स्वाभिमान योजना के अनुसार नाथजोगी खानाबदोश जनजाति को 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।
- घुमंतू जनजाति बी का आरक्षण 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जाए।
- भिक्षुओं और घुमंतू जनजाति के लिए संत गोरखनाथ विकास निगम बनाया जाए
- बेरोजगार युवाओं को 10 लाख रुपये दिए जाएं।
- समाज के लिए यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसात योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए
- बेघर/झोपड़ियों और टेंटों में रहने वाले परिवारों को तुरंत घरकुल दिया जाए।
- शिविर में जाति प्रमाण पत्र, अधिवास, जन्म प्रमाण पत्र और पीला राशन कार्ड समुदाय को तुरंत वितरित किया जाए।

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