Yavatmal: मुकुटबन वन परिक्षेत्र में लकवाग्रस्त बाघिन का इलाज के दौरान निधन, वन विभाग ने की पुष्टि

यवतमाल: जिले के मुकुटबन वन परिक्षेत्र के भेंडाला आरक्षित वन क्षेत्र (कक्ष क्रमांक 20बी) सावली पौधशाला में एक बाघिन लकवाग्रस्त अवस्था में पाई गई थी। वन विभाग को सूचना मिलते ही ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना की त्वरित बचाव टीम को बुलाया गया और बाघिन का प्राथमिक उपचार किया गया। हालांकि, उपचार के बावजूद बाघिन को नहीं बचाया जा सका और उसकी मृत्यु हो गई।
बाघिन के मिलने की सूचना पर ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना की त्वरित बचाव टीम तत्काल मौके पर पहुंची। टीम के प्रमुख पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविकांत खोब्रागडे के निर्देशन में बाघिन को बेहोश करने के लिए एक डार्ट तैयार किया गया। अजय मराठे (निशानेबाज) ने शाम 8:29 बजे बाघिन के बाएं कंधे पर सटीक निशाना साधकर डार्ट मारा।
बाघिन अत्यंत कमजोर थी और उसे लकवा होने की आशंका जताई गई। वन विभाग ने उसे तुरंत गोरेवाड़ा वन्यजीव बचाव केंद्र, नागपुर में स्थानांतरित किया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना की पुष्टि उप वन संरक्षक धनंजय वायभासे ने की है। वन विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाघिन की स्थिति इस हद तक खराब होने के पीछे क्या कारण थे।
इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि यदि जंगलों में किसी घायल या बीमार वन्यजीव को देखा जाए, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।

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