Yavatmal: मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना के तहत जिले के एक लाख 30 हजार किसानों का बिजली बिल हुआ शून्य

यवतमाल: पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन, सूखा और लगातार बंजरता के कारण राज्य के किसान हताश हो गये हैं। ऐसे किसानों को राहत देने के लिए, राज्य सरकार ने उनके कृषि पंपों को मुफ्त बिजली प्रदान करके उनके वित्तीय बोझ को कम करने के लिए मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना शुरू की। इस योजना के तहत जिले के 1 लाख 30 हजार किसानों को दिसंबर माह के अंत तक 266 करोड़ का बिजली बिल माफ किया गया है।
भारत में कृषि मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी मौसम में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसी कठिनाइयों का सामना कर रहे कृषि पंप उपभोक्ता किसानों को अपने वित्तीय बोझ को कम करने के लिए मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है। इस योजना की घोषणा उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने मानसून सत्र के दौरान की थी।
जिले में 1 लाख 30 हजार किसान योजना के लाभार्थी हैं। इसमें बिजली वितरण के दारव्हा डिवीजन में 38 हजार 412 किसान, पांढरकवडा डिवीजन में 27 हजार 597 किसान, पुसद डिवीजन में 41 हजार 872 किसान और यवतमाल डिवीजन में 22 हजार 994 किसान शामिल हैं। योजना शुरू होने से लेकर दिसंबर माह के अंत तक जिले के इन किसानों को 266 करोड़ का बिजली बिल माफ किया जा चुका है। प्रदेश में इस योजना से 44 लाख 3 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
राज्य में 47.41 लाख कृषि पंप उपभोक्ता हैं। कुल उपभोक्ताओं में से 16 प्रतिशत कृषि पंप उपभोक्ता हैं और कुल ऊर्जा खपत का लगभग 30 प्रतिशत कृषि क्षेत्र के लिए है। कृषि उपभोक्ताओं की वर्तमान कुल वार्षिक बिजली खपत 39 हजार 246 मिलियन यूनिट है। उक्त विद्युत का उपयोग मुख्यतः कृषि पम्पों को विद्युत आपूर्ति हेतु किया जाता है।

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