Akola: पर्यटकों की नाराजगी के बाद नारनाला वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी फिर से हुई शुरू

अकोला: अकोट के पर्यटन वैभव में चार चांद लगाने वाले नारनाला वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी को 1 मई से बंद करने का निर्णय स्थानीय संघ द्वारा लिया गया। इस पर पर्यटकों ने कड़ी नाराजगी जताई। अंततः 13 मई को अपने कार्यालय में आयोजित बैठक में एसोसिएशन की मांगों पर सकारात्मक चर्चा के बाद अकोला के जिला कलेक्टर ने जंगल सफारी शुरू करने का निर्णय लिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशचंद्र राठौड़ ने बताया कि बुधवार 14 मई से नरनाला वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी फिर से शुरू हो गई है।
शाहनूर गेट की समस्या का समाधान होने के बाद ही जंगल सफारी का किराया बढ़ाया जाए और इस सहित अन्य प्रमुख मांगों के जवाब में, नरनाला पर्यटन संघ ने 1 मई, मजदूर दिवस से नरनाला वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी को बंद कर दिया था। इस संबंध में जिला कलेक्टर, सीसीएफ अमरावती द्वारा स्थानीय प्रशासन को अभ्यावेदन प्रस्तुत किए गए। शाहनूर गांव की आजीविका पर्यटन पर निर्भर है, इसलिए स्थानीय जिप्सी चालक और गाइड पिछले दो सप्ताह से भुखमरी का सामना कर रहे हैं।
इस पर ध्यान देते हुए जिला कलेक्टर अजीत कुंभार ने 13 मई को सुबह 11 बजे अपने कार्यालय में उप वन संरक्षण वन विभाग, अकोट के साथ नारनाला वन पर्यटन संघ की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे संघ की मांगों पर सकारात्मक चर्चा करेंगे तथा किराया वृद्धि से संबंधित मुद्दे को संभागीय समिति के पास भेजेंगे। इस बैठक में संघ की सभी मांगों पर सकारात्मक चर्चा होने के बाद नारनाला वन पर्यटन संघ ने 14 मई से वन सफारी शुरू करने का निर्णय लिया।

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