Akola: मुर्तिजापुर के दिखी दुर्लभ सफेद गरैया चिड़िया

अकोला: जिले के मुर्तिजापुर के राजुरा घाटे गांव में स्थित जिला परिषद उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक दुर्लभ सफेद गौरैया चिड़िया दिखाई दी। इस अनोखी चिड़िया को देखकर छात्रों में उत्साह का माहौल बन गया। यह घटना स्कूल में चल रहे पक्षी निरीक्षण और चिमनी संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मानी जा रही है।
राजुरा घाटे के इस स्कूल में शिक्षक मनोज लेखनार पिछले चार वर्षों से 'निसर्ग कट्टा' के माध्यम से छात्रों को पक्षियों के संरक्षण और उनके निरीक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे हर साल ऑनलाइन चिमनी गणना और चिमनी घर बनाने की कार्यशालाएं आयोजित करते हैं। इससे बच्चों में पक्षी प्रेम और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
इसी क्रम में एक दिन निरीक्षण के दौरान स्कूल परिसर में सफेद गौरैया नजर आई। लेखनार ने इसका फोटो लेकर महाराष्ट्र पक्षी मित्र संघ के कार्यकारी सदस्य अमोल सावंत को जानकारी दी। उन्होंने पुष्टि की कि यह एक अत्यंत दुर्लभ चिमनी है।
लेखनार ने बताया कि मनुष्य की त्वचा में जैसे मेलानिन नामक रंगद्रव्य होता है, उसी प्रकार यह पक्षियों में भी पाया जाता है। जब इस रंगद्रव्य की शरीर में कमी या पूरी तरह से अभाव होता है, तो शरीर या पंख पूरी तरह सफेद हो जाते हैं। इस स्थिति को ऐल्बिनिज्म कहा जाता है। ऐसे पक्षियों की आंखें गुलाबी या लाल रंग की होती हैं और पूरी चिमनी सफेद दिखती है। यह अवस्था बहुत ही कम देखने को मिलती है।
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक भारत में हाउस क्रो, कॉमन किंगफिशर, रेड वेंटेड बुलबुल, क्रेस्टेड लार्क, ब्लू रॉक पिजन और जंगल बैबलर जैसे पक्षियों में इस प्रकार का अल्बिनिज्म देखा गया है।

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