Akola: सोयाबीन के दामों में तेजी नहीं, किसान कर रहे दाम बढ़ने का इंतजार

अकोला: पिछले आठ-दस दिनों पूर्व सोयाबीन के दामों में तेजी आने से किसान काफी हर्षित दिखाई दे रहे थे लेकिन अब फिर स्थिति बदल गयी है. सोयाबीन के दामों में कम अधिक होना शुरू है और यदि तेजी आ भी रही है तो अधिक नहीं है. करीब आठ, दस दिनों पूर्व सोयाबीन के दाम 5,200 रू. क्विंटल पर थे फिर 5,000 रू. हुए, उसके बाद 5,400 और 21 नवंबर को 5,600 पर थे, अब फिर दाम 5,400 पर आ गए हैं.
इस कारण किसान वर्ग परेशान दिखाई दे रहा है. किसानों को उम्मीद थी कि इस बार उत्पादन कम होने के कारण निश्चित ही सोयाबीन के दामों में तेजी रहेगी और किसानों का उत्पादन खर्च निश्चित निकल जाएगा लेकिन उस प्रकार की स्थिति नहीं है. शुरूवात में ऐसा लग रहा था कि कम से कम 7,000 के दाम सोयाबीन को मिलेंगे. कुछ किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि रबी की फसलों की बुवाई के लिए उन्हें सोयाबीन के जो दाम मिले उन दामों में उन्होंने सोयाबीन बेच दी क्यों कि रबी की फसल के लिए भी उन्हें पैसों की जरुरत थी.
कुछ किसानों ने नहीं बेची सोयाबीन
इसी तरह जिले के कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने सोयाबीन नहीं बेची है. इन किसानों को सोयाबीन के दाम बढ़ने का इंतजार है और विश्वास भी है. खेती के विषय में, खेती के उत्पादों के विषय में जानकारी रखने वाले कुछ लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि फिलहाल सोयाबीन के दामों में तेजी नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सोयाबीन के दाम और कम होंगे. उन्होंने कहा कि सोयाबीन के दाम अब और कम नहीं होंगे बल्कि आनेवाले समय में निश्चित ही सोयाबीन के दामों में तेजी आएगी. क्यों कि सोयाबीन का उत्पादन इस बार काफी कम हुआ है. उस अनुसार अब सोयाबीन के दाम बहुत कम नहीं होंगे.
सोयाबीन तेल के दामों में भी स्थिरता नहीं
स्थानीय सुनील शॉपी के संचालक सुनील बोराखड़े से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि सोयाबीन के तेल में स्थिरता नहीं है. करीब 15 से 20 दिनों पूर्व सोयाबीन तेल के दाम 130 रू लीटर पर थे फिर हाल ही में 150 रू. लीटर हो गए थे, अब फिर सोयाबीन के तेल के दाम 138 रू. लीटर पर हैं. इस तरह तेल के दामों में भी कुछ कुछ समय में कम अधिक दाम हो रहे हैं.

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