आशा स्वयंसेवक आक्रामक; सरकार पर जमकर बोला हल्ला, विरोध में लगाए नारे
 
                            अकोला: आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रवर्तकों ने लंबित मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सरकार के खिलाफ प्रतीकात्मक हल्ला बोला। जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष 22 दिनों से चल रहे अनशन में लंबित मांगों के समर्थन में नारे भी दिये गये.
आशा स्वयंसेवकों की कई मांगें लंबित हैं. मांग की गई है कि आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रवर्तकों को दिवाली से पहले दिवाली का उपहार दिया जाए, आशा स्वयंसेवकों का पारिश्रमिक 7000 रुपये बढ़ाया जाए और समूह प्रवर्तकों का पारिश्रमिक 10 हजार रुपये बढ़ाया जाए.
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार पहले ही इन मांगों को पूरा करने के लिए शासनादेश जारी करने का वादा कर चुकी है. लेकिन कैबिनेट में कोई निर्णय नहीं होने के कारण धरना आंदोलन किया जा रहा है. 
कुछ दिन पहले आशा सेविका ने विधायक रणधीर सावरकर के घर जाकर बयान दिया था; लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उसके बाद भी मांगें पूरी होने का सरकारी आदेश नहीं मिला है.
 
                 
         
 
 
 
 
     
             
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                
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