logo_banner
Breaking
  • ⁕ मलकापुर के नए चुने गए कांग्रेस के नगरअध्यक्ष का नोट उड़ाते हुए वीडियो वायरल, हर तरफ हो रही आलोचना ⁕
  • ⁕ शिवसेना शिंदे गुट के उप जिला अध्यक्ष वरदराज पिल्ले ने नगर परिषद चुनाव परिणाम पर उठाए सवाल ⁕
  • ⁕ कांग्रेस की मुंबई में पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक, नगर पालिका के उम्मीदवारों को लेकर होगी चर्चा, विजय वडेट्टीवार ने दी जानकारी ⁕
  • ⁕ Gondia: गोंदिया और तिरोड़ा नगर परिषद् के वार्डो में मतदान जारी, 18 हजार मतदाता करेंगे 18 उम्मीदवारों का फैसला ⁕
  • ⁕ विदर्भ की सात सहित 23 नगर परिषद में आज मतदान, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था, रविवार को होगी परिणामों की घोषणा ⁕
  • ⁕ खापरी ROB–MIHAN इंटरचेंज फ्लाईओवर का काम हुआ शुरू, 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी एमआईडीसी हादसा: मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक, मृतकों को सरकार पांच, तो कंपनी को देगी 30 लाख का मुआवजा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Akola

Akola: अकोला-पूर्णा रेलवे के ब्रॉड गेज में परविर्तन के 16 साल बाद भी चल रही केवल चार दैनिक ट्रेनें


अकोला: दक्षिण भारत की सबसे सीधी और सबसे कम दूरी वाली अकोला-पूर्णा रेलवे को ब्रॉड गेज में परिवर्तित किए जाने के 16 साल से अधिक समय बाद भी इस रूट पर केवल चार दैनिक एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। दक्षिण मध्य रेलवे वाशिम, हिंगोली जैसे प्रमुख स्थानों को जोड़ने वाले इस रूट की अनदेखी कर रहा है।

पुराने अकोला-पूर्णा मीटर गेज रेलवे को ब्रॉड गेज में बदलने का काम शुरू किया गया और 11 नवंबर 2008 को पूरा किया गया। उम्मीद थी कि इस रूट के ब्रॉडगेज होने के बाद यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी. लेकिन आज तक इस रूट पर केवल चार दैनिक यात्री ट्रेनें ही चल रही हैं।

फिलहाल इस रूट पर यात्री ट्रेनों की कुल संख्या 22 है लेकिन ज्यादातर ट्रेनें साप्ताहिक और स्पेशल ट्रेनें हैं। ये ट्रेनें दक्षिण भारत से आती हैं और अकोला-भुसावल होते हुए गुजरात या राजस्थान जाती हैं। इस रूट पर वाशिम, हिंगोली, वासमत जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। यात्रियों की संख्या भी अधिक है, लेकिन यात्रियों का आरोप है कि इस रूट की हमेशा उपेक्षा की जाती है।