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रविकांत तुपकर ने मुर्तिजापुर में निकाला मार्च, किसानों के कर्ज के लिए सरकार से की 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने की मांग


अकोला: किसान नेता रविकांत तुपकर ने मुर्तिजापुर तहसील में सरकार से सवाल करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सवाल किया कि यदि लाड़ली बहन के लिए 46 हजार करोड़ रुपये जुटा सकते हैं, तो किसानों की कर्ज मुक्ति के लिए 25 हजार करोड़ रुपये क्यों नहीं जुटा सकते? 

रविकांत तुपकर ने कहा, “पिछले साल की तुलना में इस साल लगातार बारिश के कारण किसानों की आय नहीं होने से खेती की लागत काफी बढ़ गई है. इस साल किसानों को नुकसान हुआ है. सरकार किसानों को तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दे, अन्यथा आंदोलन के माधयम से मुआवजा लिया जाएगा.”

उन्होंने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि किसानों के माल का सही दाम नहीं मिल रहा है. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. सरकार को सोयाबीन खली के आयात पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और सोयाबीन खली का निर्यात करने का निर्णय लेना चाहिए, कपास के लिए 12,000 और सोयाबीन के लिए 7,000 का भुगतान करना चाहिए।

इस दौरान, तुपकर ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अगले दो दिनों में किसान के खाते में बीमा राशि जमा नहीं की गई, तो हम उस कंपनी का कार्यालय, जिस स्थान पर स्थान पर है वहां रहने नहीं देंगे। 

यह मार्च अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय के समीप सभा में तब्दील हो गया. इस मार्च में तहसील से हजारों किसान शामिल हुए. इस मौके पर अमरावती, बीड, पातुर, कारंजा, वाशिम के किसान नेता मौजूद थे.