Akola: नगर निगम में 750 करोड़ का टेंडर पसंदीदा कंपनी को दिलाने की जद्दोजहद
अकोला: नगर निगम में अनियमितताएं, भ्रष्टाचार, हेराफेरी और कमीशनखोरी का काम शुरू है। अब अमृत-2 के तहत 750 करोड़ रुपये का टेंडर पसंदीदा कंपनी को दिलाने के लिए पदाधिकारियों ने जद्दोजहद शुरू कर दी है। इससे भारतीय जनता पार्टी की एक सभ्य और अनुशासित पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। इस बात की राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा हो रही है।
तत्कालीन सांसद संजय धोत्रे और दिवंगत विधायक गोवर्धन शर्मा ने जिले में पार्टी को संगठित और मजबूत बनाए रखने की पूरी कोशिश की। इसी का परिणाम है कि भाजपा को हर बार लोकसभा और विधानसभा में निर्विवाद सफलता मिली है। लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी में आयातितों के 'अच्छे दिन' आ गए हैं और वफादारों की उपेक्षा हो रही है।
इसलिए बीजेपी में काफी नाराजगी है और इसका प्रमाण हाल ही में जिलेवासियों को देखने को मिला है. बालापुर और तेलहारा तहसील की नाराजगी सामने आ गई है। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी पर इसका असर पड़ेगा।
इस बीच नगर निगम में तत्कालीन शासकों के कार्यकाल में एक नहीं बल्कि कई काम हुए। इस कदाचार से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। अमृत योजना के तहत 89 करोड़ के जलापूर्ति कार्य बेहद खराब गुणवत्ता से किये गये। वहीं, शहर की सड़कें और नल कनेक्शन बड़े पैमाने पर खराब हो गये हैं।
इसका कोई रखरखाव नहीं किया गया। ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि उक्त कंपनी ने नियम-कायदों का उल्लंघन कर अमृत योजना के तहत जलापूर्ति का काम किया है। कहा जा रहा है कि नगर पालिका जैसे अधिकारियों और पार्षदों के चारा खाने की जगह बन गई है।
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