देश के सामने दो सोच है एक गांधी की है एक सावरकर की,सावरकर ने अंग्रेजों से डर कर माफ़ी मांगी थी-राहुल गांधी

अकोला: सावरकर को लेकर वाशिम में राहुल गांधी द्वारा दिए गए हालिया बयान को लेकर फिर एक बार विवाद उठ खड़ा हुआ है.इस बीच गुरुवार को अकोला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने फिर एक बार सावरकर की माफ़ी को लेकर टिप्पणी की,यहाँ एक कागज़ दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा यह अंग्रेजों को सावरकर द्वारा लिखी गई चिट्ठी है जिसमे उनके हस्ताक्षर है.राहुल ने पत्र में लिखी गयी बातों का उल्लेख करते हुए कहा की सावरकर इस पत्र में कहते है "मैं आप का नौकर रहना चाहता हूँ" राहुल ने कहा गांधी-नेहरू पटेल वर्षो तक जेल में रहे लेकिन किसी ने कोई चिट्ठी साइन नहीं की। सावरकर ने यह चिट्ठी डर की वजह से लिखी थी और मदत की थी.राहुल ने पत्रकारों को यह कागज देते हुए यह भी कहा की इसे मोहन भागवत के पास भी भेजना चाहिए और अगर इसे फडणवीस देखना चाहे तो वह भी देख सकते है। उन्होंने कहा देश के सामने आज दो सोच है एक गांधी का और दूसरा सावरकर का।

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