Akola: पूर्णा नदी तल सूखने से आठ गांवों में जल संकट, धामणा परियोजना से पानी छोड़ने की मांग
 
                            अकोला: पिछले कुछ दिनों से पूर्णा नदी का तल सूखने से बोरगांव वैराले में पशुओं के लिए पीने के पानी समेत सिंचाई की समस्या गंभीर हो गयी है. बोरगांव वैराले ग्राम पंचायत के उपसरपंच राजेश्वर वैराले ने लोकसभा अभियान प्रमुख अनुप धोत्रे को एक ज्ञापन सौंपकर नेर धामना परियोजना से पानीछोड़े जाने की मांग की है। उपसरपंच वैराले ने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर वह ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।
इस वर्ष कम मात्रा में बारिश होने के कारण सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। बोरगांव वैराले के निकट धामना परियोजना में पानी के अवरुद्ध होने के कारण पूर्णा नदी का तल पूरी तरह से सूख गया है।
क्षेत्र के बोरगांव वैराले, सोनाला, अंदुरा, हटा, नागद, सगाड, दगधखेड, मोखा के सैकड़ों किसान खरीफ और रबी की फसल को बचाने के लिए पूर्णा नदी से पानी पंप कर रहे थे। लेकिन हर साल मार्च महीने तक बहने वाली पूर्णा नदी नवंबर में ही सूख गई है। 
नेर-धामना बैरेज में पानी के अवरुद्ध होने के कारण पूर्णा तालाब सूख गया है और जानवरों के लिए पीने के पानी की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। पशुओं के लिए पानी नहीं होने से मवेशी अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। वहीं, तहसील के 10 गांव के खेत पूरी तरह से पूर्णा जल पर निर्भर हैं। लेकिन पानी के अभाव में पूरी फसल सूख गयी है।
 
                 
         
 
 
 
 
     
             
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                
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