चंद्रपुर- राजुरा, बामणवाडा रेलवे साइडिंग से रोजाना कोयला चोरी

चंद्रपुर:राजुरा, बामणवाडा रेलवे लाइन पर रेलवे की वैगन से कोयला उतारकर व्यापक पैमाने पर तस्करी हो रही है. शिवाजी कॉलेज के सामने का राजुरा रेलवे मालधक्का तथा बामणवाडा से माणिकगढ़ रेलवे स्टेशन की टर्निंग पर रात के अँधेरे में मालगाड़ी रुकते ही सैंकड़ो की तादाद में कोयला तस्कर मालगाड़ी के ऊपर चढ़कर कोयले को निचे फेक देते है. रात भर यह कोयला यही गिरा होता है सुबह होते ही ट्रक ट्रैक्टर में भरकर यह कोयला अन्य जगह भेज दिया जाता है.
वैसे भी मालगाड़ियों से कोयला उतार लेने की घटनाएं नई नही हैं, लेकिन रात में कोयला उतारकर तथा दिनदहाड़े ट्रैक्टरों में भरकर कोयला चोरी करने वालों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है. जिसके कारण कोयला चोरी जैसी घटनाएं आम बात होती जा रही है. खासतौर पर रेलवे के अधीनस्थ स्थानों पर हो रही इस प्रकार की चोरियों को लेकर आरपीएफ, जीआरपी की तैनाती का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है.
राजुरा मालधक्का में साइड लाइन पर मालगाड़ी के सिग्नल पर रुकते ही दर्जनभर से अधिक लोग रैक पर चढ़ जाते है. वहां से नीचे की ओर कोयला फेंकने का कार्य शुरू कर देते है. बमुश्किल आधे घंटे में टनों कोयला रैक से उतार कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का कार्य जारी रहा लेकिन ऐसे लोगों को कोई रोकने वाला कोई नहीं होता है. जिससे हर दिन यहां पर कोयला चोरी किये जाने का मुफीद स्थान बनता जा रहा है. इस प्रकार के गोरखधंधे में ट्रेन के ऊपर युवकों की फुर्ती और नीचे फेंके गये कोयले को ठिकाने लगाने वालो की फुर्ती देखते ही बनती है.
आरपीएफ, जीआरपी की सांठगांठ से हो रहा काला धंधा ? इस चोरी से जुड़े कुछ दिग्गज माफ़ियोंका का कहना है की, आरपीएफ, जीआरपी के इशारे पर ही इस जगहों पर कोयला चोरी का काम चलता रहता है. जिसके लिए प्रतिसप्ताह लाखों रुपये आरफीएफ, जीआरपी माणिकगढ़, बल्लारशाह तथा कागजनगर स्थित बड़े अधिकारीयों से लेकर छोटे कर्मियों तक बाटे जाते है. कोयला चोरी की कोई बड़ी केस न बनना यह इसका सबसे बडा सबुत है. आरपीएफ, जीआरपी की इस लापरवाही से किसी दिन बड़ी दुर्घटनाएं तथा गैंगवार होने की संभावना बढ रही है, जिसपर समय रहते नकेल कसने की मांग की जा रही है.

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