इंसान-बाघ संघर्ष: वनमंत्री मुनगंटीवार ने वन अधिकारियों को दी चेतावनी, कहा- नरभक्षी बाघों को तुरंत पकड़ो नहीं तो होगा निलंबन

चंद्रपुर: पूर्व विदर्भ में इंसानों और बाघों की संघर्ष लगातार बढ़ता जारहा है। भंडारा, चंद्रपुर में रोजाना किसी न किसी की मौत बाघ के हमले से होने की खबर आ रही है। इसी बीच राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री ने वन अधिकारीयों को चेतवानी देते हुए जितने भी नरभक्षी बाघ है उन्हें पकड़ने का आदेश दिया है। वहीं ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों को निलंबित करने की चेतावनी भी दी है।
14 दिसंबर को मूल तहसील के कांतापेठ में देवराव सोपनकर, सावली तहसील के बाबूराव कांबले और 15 दिसंबर को बाघ के हमले में खेड़ी में स्वरूपा येलत्तिवार की मौत हो गई। इससे पहले सात दिसंबर को पेटगांव में भी बाघ के हमले में एक की मौत हुई थी। वन मंत्री मुनगंटीवार ने कहा है कि, लगातार बाघों के हमले और नागरिकों की मौत चिंता का विषय है। इन बाघों को तुरंत जेल में डाल देना चाहिए। इस संबंध में किसी भी तरह का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
50 लोगों की गई जान
इंसानो और जंगली जानवर के बीच शुरू यह संघर्ष दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। इस साल 15 दिसंबर 2022 तक 50 लोगों की मौत बाघ के हमले से हो चुकी है। वहीं कई लोग घायल भी हुए हैं। ज्ञात हो कि, भंडारा, चंद्रपुर और गडचिरोली जिले में बाघ का आतंक बना हुआ है। इन जिलों में आने वाले जंगली क्षेत्रों में बाघों की बढ़ती जनसँख्या के कारण रिहाइशी इलाकों मे रहने वाले लोगों भय के माहौल में रहना पड़ा रहा है।

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