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Chandrapur

Chandrapur: पुणे हादसे के बाद जागा प्रशासन, शराब विक्रेताओं के साथ करेगा बैठक


-पवन झबाड़े 

चंद्रपुर: पुणे में नशे में धुत एक नाबालिग ने चार पहिया वाहन से दो लोगों को उड़ा दिया, जिसमें मौके पर ही मौत हो गई। मामले की जाँच के दौरान  पब, बार और रेस्तरां में नाबालिगों को शराब पिलाने का मुद्दा भी उठा. इस हादसे के बाद चंद्रपुर जिला प्रशासन भी जाग गया है और अब प्रशासन ने जिले में शराब विक्रेताओं को भी 'ज्ञान' का डोज देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत प्रशासन ने 28 मई को लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं की आम बैठक आयोजित की गयी है. शराब विक्रेताओं को अब से केवल 'कानून के दायरे में रहने' का ज्ञान दिया जाएगा।

28 मई को शाम 4 बजे चंद्रपुर के इंदिरा गांधी सभागृह में लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं की सभा आयोजित की गयी है। कलेक्टर विनय गौड़ा, जिला पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉनसन सहित आबकारी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।  

अधीक्षक संजय पाटिल, कार्यालय अधीक्षक अभय खटाल और उप-निरीक्षक चेतन खरोडे को हाल ही में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इस कार्यालय की कुव्यवस्था उजागर हुई। नियमों को ताक पर रखकर शराब की दुकानों को लाइसेंस दिए गए।   मामला ताजा होने पर ही प्रशासन ने यह सभा आयोजित की है। इसलिए संभावना है कि शराब लाइसेंस घोटाले की छाया भी इस सभा पर रहेगी।  

शराबबंदी हटने के बाद तीन वर्षों में लगभग 450 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया। आज जिले में 700 बार और रेस्तरां, 15 विदेशी शराब की दुकानें, 140 देशी शराब की दुकानें और 150 बीयर की दुकानें हैं। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग का उप-निरीक्षक प्रत्येक शराब विक्रेता से मासिक किस्त वसूल करता है। 

इसलिए, जब शराब विक्रेताओं द्वारा कई गैरकानूनी गतिविधियां की जाती हैं, तब भी उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। सरकार ने शराब पीने और बेचने के लिए कुछ नियम तय किये हैं. इसे नजरअंदाज कर शराब विक्रेता शराब बेच रहे हैं। नाबालिगों को भी शराब बेची जाती है। लेकिन अब पुणे में 'हिट एंड रन' का मामला सामने आने के बाद हुक्मरानों और सिस्टम सतर्क हो गया है।

इसके लिए कलेक्टर के आदेशानुसार लाइसेंसी शराब विक्रेताओं की बैठक आयोजित की गई है। इस संबंध में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के प्रभारी अधीक्षक द्वारा शराब विक्रेताओं को पत्र भेजा गया है। इस जमावड़े से शराब विक्रेता और उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारी काफी परेशान हैं।