Chandrapur: आख़िरकार रामाला झील के सफाई का काम हुआ शुरू, 30 करोड़ की लागत से होगा सौंदर्यीकरण

चंद्रपुर: चंद्रपुर शहर की ऐतिहासिक और एक मात्र झील रामाला झील के सफाई का काम आखिरकार शुरु हो गया है। शुक्रवार को मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल की मौजूदगी में झील के सफाई का काम शुरू हुआ। अमृत चरण-2 के तहत झील सफाई का काम शुरू किया गया है। इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से 30 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित किया है।
शहर का इतिहास साढ़े पांच सौ साल पुराना है। गोंड राजाओं द्वारा स्थापित इस शहर में 12 किलोमीटर लंबी पत्थर की दीवार है। चंद्रपुर मध्य भारत का सबसे बड़ा भूमि-आधारित किला है। गोंड राजाओं ने इस शहर में जलापूर्ति के लिए पांच अलग-अलग झीलें बनवाई थीं। विभिन्न कारणों से, रामाला झील अब शहर में एकमात्र जल संग्रहण झील बची है। इस झील में विभिन्न क्षेत्रों और बस्तियों से आने वाला मलजल जल को प्रदूषित कर रहा था तथा इसकी जैव विविधता को नष्ट कर रहा था। कई वर्षों से यह झील जलपक्षियों के भारी कब्ज़े में थी।
परिणामस्वरूप, पर्यावरणविदों और चंद्रपुर निवासियों ने बार-बार विरोध प्रदर्शन किया और रामाला झील के पानी के शुद्धिकरण की मांग की। चंद्रपुर शहर महानगरपालिका के अमृत चरण-2 के अंतर्गत अब दो स्थानों पर जल शुद्धिकरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि झील में प्रवेश करने वाले अपशिष्ट जल को शुद्ध कर वापस झील में छोड़ा जा सके। इसके लिए 30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है और वास्तविक कार्य भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा, झील के पानी पर एक अलग अपशिष्ट संग्रह उपकरण स्थापित किया जाएगा, और पूरे स्थल को सौंदर्यीकरण के माध्यम से बदल दिया जाएगा। यह कार्य अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा।

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