Chandrapur: दूसरे दिन भी जारी रहा एनआरएचएम का आंदोलन, ग्रामीण स्वास्थ सेवा पर पड़ रहा असर

चंद्रपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत विभिन्न संवर्ग के ठेक अधिकारी एवं कर्मचारियों के प्रलंबित मांगों के लिए बुधवार से शुरू हुवा काम बंद गुरूवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. इस आंदोलन में जिले के लगभग 95 प्रश कर्मचारी शामिल होने से ग्रामीण अस्पताल व शहर अस्पताल की सेवा पर काफी असर हुवा है.
इस राज्यव्यापी हडताल में ठेका परिचारिका, एएनएम, जीएनएम, एलएचवी, प्रयोगशाला विशेषज्ञ, औषधि निर्माण अधिकारी, वैद्यकीय अधिकारी एवं एनयूएचएम एवं एनएचएम अंतर्गत कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों का समावेश है. प्रत्येक जिलास्तर पर धरना आंदोलन किया गया है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग में हजारों पद रिक्त है इन रिक्त पदों पर ठेका कर्मचारियों का समायोजन करने की मांग को लेकर अनिश्चित आंदोलन शुरू किया गया है.
महाराष्ट्र में मात्र सरकार निरंतर मांग की ओर उदासीनता बरत रही है इससे पूर्व 20 मार्च 2023 को सार्व. स्वास्थ्य मंत्री के कक्ष में बैठक लेकर इसमें ठेका स्वास्थ्य कर्मचारियों को 31 मार्च 2023 तक समायोजन किये जाने का आश्वासन स्वास्थ्य मंत्री डा. तानाजी सावंत ने संगठन को दिया था. उक्त आश्वासन पर अमल करने की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से बेमियादी कामबंद आंदोलन किया जा रहा है.
धरना आंदोलन में डा. रवींद्र उमाठे ने आंदोलनरत कर्मचारियों का मार्गदर्शन किया. इस समय मुख्य समन्वयक अमिता नागदेवते, डॉ.शील दुधे, डॉ.अक्षय बुरलावर,डॉ.तुषार अगडे, डॉ.विनोद फुलझेले,कॉ.प्रकाश रेड्डी, अड.राम इंगळे, जितू बावनकर, वनिता मेश्राम,आराधना झा, ललिता मुत्यालवार, जया मेंडळकर, शालिनी दुर्गे, रजनी धापटे, सविता पोपटे, प्रदीप हंबर्डे, वैभव आत्राम, ज्योती आसुटकर, प्रकाश मामीडवार,संगिता पिपरे ,सुरज डुकरे, निकिता निर, डॉ.पवन डेकाटे, नवनाथ बोरूडे व अंकुश वाघमारे की उपस्थिति थे.

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