Chandrapur: जिले में नही थम रहा बाघ का आतंक, 48 घंटे में तीन की मौत
चंद्रपुर: जिले में जंगली जानवरों और इंसानों के बीच शूरू संघर्ष दिन ब दिन और बढ़ता जा रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद इंसानों पर बाघों के हमले कम होने के बजाया बढ़ते जा रहे हैं। बीते 48 घंटे में जिले के विभिन्न इलाकों में बाघ के हमले में दो लोगों की मौत हो गई। बाघ के बढ़ते हमले के कारण नागरिकों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द से जल्द ठोस उपाय करने की मांग की है।
पहली घटना में 14 मई को बल्लारपुर तहसील के कोरटीमकटा गांव के रहने वाले 59 वर्षीय वामन गणपति टेकाम कलमाना जंगल में बकरियों को चराने के लिए ले गए। इसी दौरान झाड़ियां में छुपे बाघ ने उनपर हमला कर दिया। जिसमें बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई। दोपहर में घटना का पता चला, वन विभाग ने पंचनामा कर उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी।
दूसरी घटना चिमूर वन क्षेत्र के खानगांव में हुई, जहां 34 वर्षीय अंकुश श्रवण खोबरागड़े रात को अपने खेत में सोने गए थे. लेकिन आधी रात को अंकुश शौच लगी, जैैसेे ही वह नाले के पास पहुुंचा उसी समय वहां बैठे बाघ ने हमला कर अंकुश को मार डाला। सुबह
जब अंकुश का भाई खेत पर पहुंचा तब घटना सामने आई। तुरंत इस बात की जानकारी वन विभाग को दी गई। वहीं ग्रामीणों ने अंकुश के शव को उठाने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की। काफी समझने के बाद ग्रामीण समझे और शव को वन विभाग को उठाने दिया।
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