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Chandrapur

Chandrapur: वन मंत्री के कार्यकर्ताओं के बीच बाघ-कुत्ते का खेल!


-पवन झबाड़े 

चंद्रपुर: भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी में बदलाव के बाद अब एक-दूसरे को निचा दिखाने का काम शुरू हो गया है। जिले के पालक और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के समर्थक राहुल पावड़े को चंद्रपुर महानगर के अध्यक्ष बनाया गया है। पावड़े के अध्यक्ष बनने के बाद उनके समर्थको ने पोस्टरबाजी शुरू कर दी है। पोस्टर में समर्थको ने उनकी तुलना बाघ से की, वहीं विरोधियों को कुत्ता बताया है। वन मंत्री के कार्यकर्ताओं के बीच शुरू हुए इस बाघ-कुत्ते के खेल से पार्टी के वरिष्ठ नेता काफी निराश हैं।

डॉक्टरी के पेशे से जुड़े मंगेश गुलवाड़े को अचानक रूप से बीजेपी के शहर अध्यक्ष का पद मिल गया था। उस समय अध्यक्ष पद की रेस में कईयों के नाम चल रहे थे, लेकिन गुलवाड़े के अध्यक्ष बनने से कई नेताओं की तबियत ख़राब हो गई थी। हालांकि, बाद में मुनगंटीवार ने इन बीमार कार्यकर्ताओं का इलाज अपने तरीके से कर उन्हें ठीक किया। 

दूसरी ओर, राहुल पावड़े लगातार चार वर्षों तक मनपा की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे डिप्टी मेयर बने। इससे पावड़े की ऊंचाई बढ़ गई। शहर में कोई भी बड़ी जिम्मेदारी मुनगंटीवार पावड़े को ही देते थे, चाहे वह राज्य के वित्त मंत्री हों या न हो। वहीं, डॉ. गुलवाड़े शहर अध्यक्ष थे. इसलिए पार्टी में अनुभव और उम्र में छोटे पावड़े का व्यवहार कई लोगों को परेशान करता था। 

कुछ दिन पहले पार्टी के क्षेत्रीय निरीक्षक चंद्रपुर आये थे। इसके बाद कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद यह लगभग तय हो गया था कि गुलवाडे अपना विकेट खो देंगे, यानी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। इसलिए, कई लोगों ने शहर अध्यक्ष पद पाने के लिए मुनगंटीवार के कार्यालय की चौखट पर जाना शुरू कर दिया था। 

शहर अध्यक्ष के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र गांधी, नगरसेवक सुभाष कासनगोट्टुवार का नाम सबसे आगे था। पावड़े के नाम का एक गुट की तरफ से कड़ा विरोध किया था। लेकिन मुनगंटीवार ने पावड़े पर भरोसा दिखाया और अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा दिया। इसके बाद पावड़े के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर पार्टी के भीतर विरोधियों को खरी खोटी सुनानी शुरू कर दी।

कार्यकर्ताओं ने पावड़े को अध्यक्ष बनने की शुभकानाएं देते हुए कई पोस्टर शेयर किये हैं। जिसमें उन्होंने लिखा, ‘शेर के पाव में अगर काटा चुभ जाए, तो उसका ये मतबल नहीं कि अब कुत्ते राज करेंगे’। पावडे समर्थको ने विरोधियों की तुलना कुत्ते से कर दी है। सोशल मीडिया पर शुरू हुआ यह विवाद मुनगंटीवार तक पहुंच गया। जिसके बाद इन पोस्टो को डिलीट किया गया। हालांकि, तब तक यह वायरल हो गया था। 

वन मंत्री के कार्यकर्ताओं के बाघ-कुत्ते के खेल से भाजपा के अन्य पदाधिकारियों का अच्छा मनोरंजन हुआ। हालांकि, अब यह खेल अब बंद हो गया है। लेकिन बीजेपी नेताओं को अब इस बात की चिंता सता रही है कि आने वाले मनपा चुनाव में और कौन से जानवर मैदान में उतरेंगे।