logo_banner
Breaking
  • ⁕ नक्सल आंदोलन को सबसे बड़ा झटका, पोलित ब्यूरो सदस्य भूपति ने 60 साथियों के साथ किया सरेंडर; 10 करोड़ से ज़्यादा का था इनाम, 16 को CM के सामने डालेंगे हथियार ⁕
  • ⁕ सांसद बलवंत वानखड़े का मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, सोयाबीन बिक्री के लिए सरकारी खरीद केंद्र तत्काल शुरू करने की मांग ⁕
  • ⁕ Yavatmal: पुराने विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या, नागपुर रोड पर हिंदू श्मशान घाट के पास हुई घटना ⁕
  • ⁕ Chandrapur: खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने खाद्य तेल फैक्ट्री पर की छापा मारकर कार्रवाई ⁕
  • ⁕ बीआर चोपड़ा की महाभारत में 'कर्ण' का किरदार निभाने वाले अभिनेता पंकज धीर का निधन, कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद दुनिया को कहा अलविदा ⁕
  • ⁕ नागपुर में भाजपा नेताओं ने 'एकला चलो रे' की मांग, मुख्यमंत्री ने कहा- मनमुटाव भूलो और एकजुट होकर लड़ो चुनाव ⁕
  • ⁕ एसटी कर्मियों को दिवाली भेंट: 6,000 बोनस और 12,500 अग्रिम, वेतन बकाया हेतु सरकार 65 करोड़ मासिक फंड देगी ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Chandrapur

प्रदेश में वन विभाग की जटायु संरक्षण परियोजना प्रारंभ, हरियाणा से लाए गए 10 गिद्धों को ताडोबा के बोटेझरी में छोड़ा गया


चंद्रपुर: प्रदेश में वन विभाग की जटायु (गिद्ध) संरक्षण परियोजना शुरू हो गई है। हरियाणा से लाए गए दस गिद्धों को चंद्रपुर के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बोटेझरी में जंगल में छोड़ा गया।

यहां की जलवायु के अनुकूल ढलने के लिए अब दस गिद्धों को एक बड़े पिंजरे में छोड़ा गया है। चूंकि राज्य में गिद्धों की संख्या में चिंताजनक रूप से गिरावट आई है, समग्र प्रकृति श्रृंखला की कड़ी कमजोर हो गई है।

हरियाणा के पिंजौर में गिद्ध संरक्षण परियोजना से सफेद पीठ वाले गिद्ध प्रजाति के चार वर्षीय गिद्धों को मुक्त कराकर गिद्धों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के मौके पर वन विभाग ने रामायण के अहम पात्र जटायु के संरक्षण के लिए यह अहम कदम उठाया है। अगले तीन महीने तक इस बड़े पिंजरे में जलवायु के अनुकूल ढलने के बाद उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा। महाराष्ट्र वन विभाग इन गिद्धों की समग्र गतिविधि और दैनिक दिनचर्या पर कड़ी नजर रखेगा।