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Nagpur

गढ़चिरोली और गोंदिया में बनेगा एलीफैंट पार्क! सुधीर मुनगंटीवार बोले- केंद्र से करेंगे बात


नागपुर: विदर्भ में जंगली हाथियों के बढ़ते संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने टाइगर प्रोजेक्ट के तर्ज पर एलीफेंट पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। यह पार्क विदर्भ के गोंदिया गद्चिरोली और सिंधुदुर्ग में स्थापित किया जायेगा। इस बात की जानकारी राज्य के पर्यावरण मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बुधवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कही। इसी के साथ उन्होनें यह भी कहा, इसको लेकर जल्द ही एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

मुनगंटीवार ने कहा, राज्य में जंगली हाथियों का संकट पहले नहीं था। लेकिन, बीते कुछ सालों में राज्य के कई जिलों में ऐसा दिखाई दे रहा है। पहले हम उड़ीसा, कर्नाटक या छत्तीसगढ में जंगली हाथियों का रिहायशी इलाकों में घुसने और नुकसान करने की खबरे सुनते थे, लेकीन कुछ सालों से यह विदर्भ के जिलों में भी दिखाई देने लगा है।"

उन्होनें कहा, इसी के मद्देनजर हमने टाइगर प्रोजेक्ट की तर्ज पर राज्य के अंदर एलिफनेट पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार द्धारा एलीफेंट पार्क बनाने का कोई प्रावधान या प्रोजेक्ट मौजुद नहीं है। लेकिन राज्य में जंगली हाथियों के बढ़ते संकट को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया है।"

पर्यावरण मंत्री ने कहा, "शुरूआत में राज्य के तीन जिलों में यह पार्क विकसित करने का विचार किया जा रहा है। जिसके तहत विदर्भ में यह गोंदिया- गड़चिरोली और कोंकण में सिंधुदुर्ग में इसे विकसित किया जायेगा।" उन्होनें आगे कहा, इस प्रोजेक्ट को हम केंद्र के साथ मिलकर पुरा करेंगे। इसको लेकर हम जल्द ही एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने वाले हैं।

मुआवजे का किया प्रावधान और राशि भी बढ़ाई 

मुनगंटीवार ने कहा, मौजूदा समय में कानून के अनुसार हाथियों द्वारा किए नुकसान का मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन, हमने इसका प्रावधान किया है। इसी के साथ जंगली जानवरों द्वारा हमला करने वाली घटनाओं पर देने वाले मुआवजा को बढ़ा दिया है। इसी के साथ उन्होनें यह भी कहा कि, जनता और जंगली जानवरों के बिच होने वाले संघर्ष को कम किए जानें पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं।