मौजूदा समय संघ के विचार विस्तार के लिए अनुकूल: संघ सरसंघचालक मोहन भागवत

नागपुर: विस्तार के लिए दत्ताजी का समय बहुत प्रतिकूल था। यह प्रतिकूल परिस्थिति काम के संवर्धन के लिए अनुकूल थी। लेकिन आज हमारा काम और भी कठिन हो गया है। क्योंकि वर्तमान समय संघ के विचार विस्तार के लिए हानिकारक है, ऐसा सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा।
वह दत्ताजी डिडोलकर के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में अंजनगांव सुर्जी देवनाथ मठ के स्वामी जीतेंद्रनाथ महाराज, एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, जन्म शताब्दी समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे।
डॉ भागवत ने आगे कहा, "आज समाज द्वारा थोपी गई अनुरूपता है. इसलिए हमें इसके साथ चलना होगा. कोई रास्ता बाएँ या दाएँ नहीं है। आज रास्ता अनुकूल है और हम इसे टाल नहीं सकते। यदि अनुकूलता हो भी तो नैतिकता एवं सिद्धांतों को बिगड़ने नहीं देना चाहिए। सरसंघचालक ने अपील की कि हमें और अधिक मजबूती से काम करना होगा क्योंकि विपत्ति का कोई आधार नहीं होता. केवल लोकप्रियता और संसाधनों पर निर्भर रहने से हमें सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा, आज स्थिति बदल गई है, समाज की स्थिति बदल गई है, लेकिन दत्ताजी ने जो दिशा दिखाई थी, वह नहीं बदली है।

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