अनुमान के मुताबिक निर्णय, शरद पवार बोले- जनता की अदालत में गया फैसला, वहीं मिलेगा न्याय
मुंबई: विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) द्वारा शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में शिंदे समूह (Shinde Group) के पक्ष में फैसला सुनाया है। अध्यक्ष ने दोनों गुटों के किसी ही विधायक को आयोग्य घोषित नहीं किया है। इस नतीजे के बाद एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ''मैं इस फैसले से हैरान नहीं हूं। मैंने हमारी चर्चा के दौरान कहा था कि उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के पक्ष में फैसला नहीं होगा।
पवार ने आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि, "सत्ताधारी दलों के नेताओं ने पहले ही नतीजे पर टिप्पणी कर दी थी। इसलिए, उन्हें यकीन था कि वे जीतेंगे, जैसा कि इन नेताओं ने जताया था। जैसा कि मैंने जो निक से सुना है, उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे को न्याय मिलेगा।''
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हमारे लिए बहुत अच्छा अवसर
एनसीपी अध्यक्ष ने कहा, “लोकसभा चुनाव दो-तीन महीने में हैं और विधानसभा चुनाव छह-सात महीने में होंगे। तो ये फैसला अब जनता की अदालत में चला गया है। इस पर फैसला जनता करेगी। हम महाविकास अघाड़ी के रूप में लोगों के सामने जाएंगे और मामले को रखेंगे। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिया गया फैसला न्यायिक नहीं बल्कि राजनीतिक फैसला है। इसलिए हमें एक बड़ा अवसर मिला है।"
विधायिका एक पार्टी नहीं, संगठन को अधिकार
शरद पवार ने विधायक दल को महत्व देने पर राहुल नार्वेकर की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक दल और दल संगठन के संबंध में निर्णय लेते समय विधायक दल को महत्व दिया। 'सुभाष देसाई बनाम राज्य सरकार' मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने कहा कि पार्टी संगठन महत्वपूर्ण है. पार्टी संगठन उम्मीदवारों का चयन करता है, उन्हें जिताता है। इसलिए उनका अधिकार अधिक महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि पार्टी संगठन और विधायक दल में पार्टी संगठन महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में साफ कहा गया कि व्हिप चुनने का अधिकार पार्टी संगठन को है. विधायिका पार्टी की नहीं होती. इधर उद्धव ठाकरे के संगठन की ओर से व्हिप का चयन नहीं किया गया है. यह इस फैसले से स्पष्ट है।”
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