विधानसभा में गूंजा NIT और अनधिकृत लेआउट का मुद्दा; खोपड़े ने नियमित करने समिति बनाने की मांग, तो नितिन राउत ने घोटाले का मुद्दा उठाया

नागपुर: विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में नागपुर शहर (Nagpur City) के अनधिकृत लेआउट (Unauthorized Layout) का नियमितीकरण और नागपुर सुधार प्रन्यास (Nagpur Improvement Trust) का मुद्दा गूंजा। भाजपा (BJP), कांग्रेस (Congress) के विधायकों ने एनआईटी में आरएल के नाम पर हो रहे घोटाले और घरों सहित भूखंडों के नियमितीकरण पर सरकार का ध्यानाकर्षण किया गया। चर्चा के दौरान विधायकों ने जहां घोटाले की जांच की मांग की, वहीं भूखंडों के नियमितीकरण समिति पर सवाल किया। इसी के साथ एनआईटी को बर्खास्त करने की मांग भी की गई। जिस पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने जवाब दिया और जनता के पक्ष में निर्णय लेने की बात कही।
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक नितिन राउत (Nitin Raut) ने आरएल के नाम पर हो रहे अनियमितता का मुद्दा उठाया। राउत ने कहा कि, लेआउट का निर्माण कर आम जनता कर एनआईटी के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। नियमिति के नाम पर घोटाला किया जा रहा है। राउत ने घोटाले की जांच करने सहित इसमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
आरक्षण रद्द करने समिति का हो निर्माण
चर्चा के दौरान पूर्व नागपुर विधायक कृष्ण खोपड़े (Krushna Khopde) ने भी एनआईटी में भूखंडो के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया। खोपड़े ने कहा कि, सार्वजनिक जगाओ पर बनाये गए लेआउट में दशकों से लोग रह रहे हैं। लेकिन एनआईटी द्वारा उनका नियमितितकरण नहीं कर रहा है। खोपड़े ने ऐसे अनधिकृत प्लाट को नियमित करने के लिए समिति बनाने की मांग की।
एनआईटी का हो एनएमआरडीए में विलय
विधानसभा में बोलते हुए विधायक प्रवीण दटके (Pravin Datke) ने कहा कि नागपुर सुधार प्रन्यास की कार्यप्रणाली विकास कार्यों में विसंगतियां पैदा कर रही है। चूंकि नासुप्रा स्वतंत्र निर्णय लेती है, इसलिए इससे मनपा की विकास योजना प्रभावित हो रही है। इसलिए, उनकी मांग है कि सभी शहरी विकास कार्य नागपुर महानगर पालिका के माध्यम से किए जाएं। दटके ने एनआईटी का एनएमआरडीए में विलीनीकरण करने की मांग की है। और एनआईटी को बर्खास्त करने की मांग की।
समिति का करेंगे निर्माण, मुख्यमंत्री करेंगे तय
दोनों विधायकों के सवालों पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, वर्तमान में 15 हजार से ज्यादा भूकंड या घर आरक्षण के आधीन है। इसको लेकर हम लगातार कार्य कर रहे हैं। 2013 में समिति बनाई गई थी, जिसके माध्यम से 13 हजार से ज्यादा आरक्षण को हटाया गया था। हालांकि, अब समिति का कार्यकाल 2015 में समाप्त हो गया है। इसी के साथ शिंदे ने जल्द ही समिति बनाने की बात करते हुए कहा कि, जनता के पक्ष में हम समिति का निर्माण करेंगे और लंबित भूखंडो को नियमित करने का काम करेंगे।" एनआईटी के बर्खास्त करने की मांग पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "विलय को लेकर जल्द ही समिति का गठन किया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की अगुवाई में निर्णय लिया जाएगा।"

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